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Wednesday, June 16, 2021

तार्किक क्षमता के प्रश्नों को ऐसे बनायें आसान

तार्किक क्षमता के प्रश्नों को ऐसे बनायें आसान

सिविल सर्विस परीक्षा के प्री के सी सैट के पेपर में पूछे जाने वाले परिच्छेदों में यदि हम तार्किक क्षमता वाले प्रश्नों को जोड़ देंए तो दोनों का जोड़ किसी भी साल पचास से कम नहीं आता। ये पचास सौ में नहीं, बल्कि अस्सी में हैं। यानी कि केवल दो चैप्टर से साठ प्रतिशत से भी अधिक प्रश्न। और इससे भी बड़ी राहत की बात यह कि ये दोनों इतने सरल होते हैं कि आप इनमें 80% स्कोर तो सुनिश्चित कर ही सकते हैं। चूंकि इस पेपर को मात्र क्वालीफाई करना होता है, इसलिए इसमें डरने जैसी तो कोई बात होनी ही नहीं चाहिए।

आपके इस डर को आत्मविश्वास में बदलने के लिए मैं इससे पहले परिच्छेद की तकनीक के बारे में यही लिख चुका हूँ। अब इस बार बारी है-तार्किक क्षमता की।

इसके बारे में मैं आपसे दो सबसे जरूरी बातें कहना चाहूंगा। पहला तो यह कि निश्चित तौर पर इसके प्रश्न ऊपरी तौर पर बहुत अधिक जटिल, घुमावदार तथा दिमाग को भ्रमित करने वाले होते हैं। ये ऐसे होंगे ही। लेकिन आप खुद को इन्हें पढ़ते ही घबड़ा जानें से बचाइये। विश्वास कीजिये कि ये साँप (डरावने) तो जरूर हैंए लेकिन जहरीले बिल्कुल भी नहीं। इनकी शैली (स्वरूप) जरूर कठिन है, लेकिन निराकरण बेहद सरल।

मेरी दूसरी बात का संबंध इन प्रश्नों की जटिलता को सरलता में बदलने से है। यदि आप समझ रहे हैं कि मैं  इसका उत्तर अपने दिमाग में सोचकर ढूँढ लूंगा”, तो मैं आपको सतर्क करना चाहूंगा कि आप सही नहीं सोच रहे हैं। तो फिर आप करेंगे क्या?

आपको इसके लिए एक रफ़ वर्क करना चाहिए। यानी कि आपको पूछे गये प्रश्न को वर्गीकृत (क्लासीफाइ)करके उसे एक चार्ट में तब्दील कर लेना चाहिए। यह चार्ट आपके लिए एक नक्षे की तरह काम करके आपको उत्तर तक फटाफट पहुँचा देगाए और वह भी सौ प्रतिशत सही उत्तर तक।आइयेए हम यहाँ ऐसा करके देख लेते हैं।

प्रश्न- A ने अंगूर और अनन्नास खाये; B ने अंगूर और नारंगियां खाईं; C ने नारंगियां, अनन्नास और सेब खाये; D ने अंगूर, सेब और अनन्नास खाए। फल खाने के बाद और C बीमार पड़ गये।
उपर्युक्त तथ्यों के प्रकाश मेंए बीमारी का कारण किसे कहा जा सकता है ? (वर्ष 2016)

(a) सेब
(b)
अनन्नास
(c)
अंगूर
(d)
नारंगियां।

इस प्रश्न को चार्ट में बदलने के लिए हमें दो काम करने होंगे। पहला A,B,C और D को अलग.अलग पंक्तियों में लिखना होगाए क्योंकि ये लोग खाने वाले चरित्र हैं, कर्ता हैं। दूसरा यह कि फिर उन नामों के आगे उन-उन फलों के नाम लिखने होंगे, जो-जो उन्होंने खाये हैं। इस प्रकार निम्न चार्ट बनेगा-

A – अंगूर+अनन्नास
B – 
अंगूर+नारंगियां
C – 
नारंगिया +अनन्नास+सेब
D – 
अंगूर+सेब +अनन्नास।

कथन है कि B और बीमार पड़ गये। यानी कि इन दोनों ने कोई ऐसा फल खाया हैए जो और ने नहीं खाया है। अब आप चार्ट को देखकर उस फल की तलाष कीजियेए जिसे-
– B
और दोनों ने खाया हैए लेकिन
– A
और ने नहीं खाया है।

उत्तर  के रूप में नारंगियांआपके हाथ में होगा। अन्यथा आप दिमागी स्तर, पर सोचते रह जायेंगे। समय बहुत अधिक लगेगाए और उत्तर  के सही होने की संभावना भी अपेक्षाकृत कम रहेगी।

स्थान की मर्यादा की दृष्टि से मुझे यहां स्वयं को एक ही प्रश्न के हल की प्रक्रिया तक सीमित रखना पढ़ रहा है। ऐसा आप एक-दो नहीं, बल्कि तार्किक क्षमता वाले सभी तरह के प्रश्नों के साथ करके उन्हें अत्यंत आसान बना सकते हैं।

रीजनिंग: मानसिक क्षमता की परख

कोई भी परिस्थिति अथवा समस्या ऐसी नहीं हो सकती, जिसके समाधान में उसके विश्लेषण की आवश्यकता न पड़े। इसी विश्लेषणात्मक महत्व की वजह से इसे कई प्रतियोगी परीक्षाओं में रीजनिंग के रूप में शामिल किया जाता है। रीजनिंग का संबंध ऐसे सेक्शन से है, जिसमें प्रतियोगी छात्र प्रश्नों पर गंभीरता से सोचते हैं तथा उसका आकलन करते हैं। रीजनिंग के क्षेत्र को लॉजिकल, वर्बल व न्यूमेरिकल रीजनिंग में बांटा गया है। तार्किक परिस्थितियों व समस्याओं को अलग करते हुए आजकल एनालिटिकल रीजनिंग से जोड़ कर देखा जाने लगा है। इस सेक्शन में कई क्षेत्रों से प्रश्न पूछे जाते हैं। मसलन, कोडिंग-डीकोडिंग, डायरेक्शन, पाई डायग्राम-ग्राफ आधारित, डिडक्शन, सिटिंग अरेंजमेंट, इनपुट-आउटपुट आदि। इन प्रश्नों का जवाब छात्र तभी दे पाते हैं, जब उनकी तैयारी सही तरीके से हो।  इसकी तैयारी के कुछ टिप्स :

शब्द व अक्षरों के संबंधों को समझें
कूट भाषा में दिए गए शब्दों, अक्षरों व अंकों को पुन: वास्तविक व अर्थपूर्ण भाषा में बदलना एक जटिल मानसिक क्रिया है। इसमें शब्दों, अक्षरों व अंकों के संबंधों को समझने व जोड़ने की आवश्यकता होती है। इसमें मानसिक स्तर पर छात्र को तर्क, विश्लेषण व चिंतन करना पड़ता है। कोडिंग के पार्ट में मुख्य रूप से अक्षर, कॉमन लेटर, लेटर नंबर आदि के अनुसार कोडिंग-डीकोडिंग के कुछ प्रश्न शामिल होते हैं।

डायग्राम व ग्राफ के प्रश्न
रीजनिंग के कुछ प्रश्न ग्राफ व डायग्राम से संबंधित होते हैं। इन पर आधारित 4-5 प्रश्न पूछे जाते हैं, जिनका उत्तर विकल्पों में से तलाशना होता है। इन्हें हल करने की आसान विधि यही है कि पहले छात्र इन ग्राफ व डायग्राम्स को अच्छी तरह समझें तथा उनके संबंधों पर नजर दौड़ाएं। इसके बाद नीचे दिए गए प्रश्नों का जवाब ढूंढ़ने की कोशिश करें। निश्चित तौर पर छात्र इसमें बेहतर कर गुजरेंगे।

आंकड़ों का पारस्परिक संबंध तलाशें 
आयु से संबंधित प्रश्न, जिनमें आंकड़ों का खेल होता है, उन्हें हल करने के लिए उनके पारस्परिक संबंधों का विश्लेषण किया जाता है। इस आधार पर जो निष्कर्ष निकलते हैं, उन्हीं में उत्तर निहित होता है। कई बार इनमें अधिक जटिल संबंधों पर आधारित प्रश्न होते हैं। इनके विश्लेषण के लिए उच्च स्तरीय मानसिक क्षमताओं की दरकार होती है। छात्र इन प्रश्नों का रेगुलर अभ्यास करें।

कॉमनसेंस का प्रयोग करें छात्र 
रीजनिंग पर आधारित सभी प्रश्न छात्र की मानसिक स्थिति का आकलन करते प्रतीत होते हैं। चाहे छात्र लाख तकनीक अपनाते हुए प्रश्नों को हल करने की कोशिश करें, लेकिन अंतिम दफा उन्हें अपनी कॉमनसेंस का उपयोग करते हुए क्रॉस चेक जरूर करना चाहिए। इस तरह के प्रश्नों को हल करते समय छात्र अपना दिमागी संतुलन बनाए रखें, क्योंकि जरा-सी लापरवाही से पूरा सवाल ही गलत हो सकता है।

विशेषज्ञों के संपर्क में रहें 
जहां भी दिक्कत हो, तुरंत विशेषज्ञ अथवा संबंधित टीचरों से संपर्क साधें। कहने का आशय यह है कि कन्फ्यूजन की स्थिति में छात्र प्रश्नों का उत्तर सही तरीके से नहीं दे पाएंगे, इसलिए दिक्कतों का लगे हाथ निराकरण जरूरी हो जाता है। यदि इसे कल पर टाला जाता है तो तनाव बढ़ता जाता है। कोचिंग सेंटर ज्वॉइन किया है तो भी हर छोटे-बड़े कन्फ्यूजन को दूर करें और अपना कांसेप्ट क्लीयर रखें।

 

ऐसे प्रश्नों को पूछना जो सोच को चुनौती दे :

भिन्न यह इकाई किस बारे में है

इस इकाई में आप सोचेंगे कि आपके विद्यार्थियों को भिन्न कैसे सिखाया जाए।

कुछ विद्यार्थियों के लिए भिन्न समझना एक बहुत ही कठिन विषय हो सकता है। इसके कई कारण हैं, लेकिन यह सुनिश्चित करने से कि आपके विद्यार्थियों के पास भिन्न के साथ काम करने का एक समृद्ध और विविध अनुभव हो, उनकी समझ विकसित होगी।

इस इकाई में आप यह देखेंगे कि भिन्न का अर्थ तब ही होता है जब आप उसे संपूर्ण से संबंध के रूप में देखें, और भिन्नों की प्रतीकात्मक प्रस्तुति को पढ़ने के अलग अलग तरीकों को जानने के लिए विद्यार्थियों को कैसे मदद करें, इस पर विचार करेंगे।

गतिविधियों के द्वारा आप अपने विद्यार्थियों से दिलचस्प और चुनौतीपूर्ण प्रश्न पूछने, और अपने विद्यार्थियों को प्रश्न पूछने के लिए प्रेरित करने और भिन्नों के बारे में बात करने के महत्व के बारे में सोचेंगे।

आप इस इकाई में क्या सीख सकते हैं

·         ऐसे प्रभावी प्रश्न कैसे पूछे जाएं जो दिलचस्प और चुनौतीपूर्ण हों।

·         आपके विद्यार्थियों को भिन्नों की अपनी खुद की समझ बनाने में मदद करने के लिए कुछ उपाय।

·         आपके विद्यार्थियों को भिन्नों के बारे में बात करने में मदद करने के लिए कुछ उपाय।

इस इकाई का संबंध NCF (2005) और NCFTE (2009) की दर्शाई गई शिक्षण आवश्यकताओं से है। संसाधन 1

1 भिन्नों के बारे में इतना अलग क्या है?

भिन्नों के इतने कठिन प्रतीत होने का एक कारण हो सकता है कि उनमें समझने के लिए बहुत कुछ होता है। उदाहरण के लिए किसी का आधा किसी के चौथाई से छोटा हो सकता है। इसका एक उदाहरण है छह का आधा तीन हैऔर सोलह का चौथाई चार है। इसलिए कागज को मोड़ कर या गोलों को विभाजित करके भिन्न सीखने से विद्यार्थियों में गलतफहमी पैदा हो सकती है, खास कर यदि कागज हमेशा समान आकार का हो। विद्यार्थियों को यह पूछना सिखाया जाना चाहिए किसका भिन्न?’

भिन्न की समझ विकसित करना अन्य गणितीय धारणाओं को समझने से ज़्यादा अलग नहीं है। उदाहरण के लिए बहुत छोटे बच्चों को जब तीनकी धारणा सिखाई जाती है तो उन्हें कई अलग अलग अनुभव दिए जाते हैं।

भिन्न के बारे में सीखते समय बड़े होने के बावजूद, यदि प्राथमिक कक्षा के विद्यार्थियों को भिन्नों की एक अच्छी समझ विकसित करना आरंभ करना हो तो उन्हें बेहद समृद्ध और विविध अनुभवों की आवश्यकता होगी।

कई विद्यार्थियों को ऐसे अनुभव हो चुके होंगे जिनसे उन्हें भिन्न की समझ विकसित करने में मदद मिली होगी। न्यून्स (2006) ने अपनी शोध में पाया कि प्राथमिक स्कूल के विद्यार्थियों के पास विभाजन समस्याएं हल करते समय पहले ही भिन्न के विषय में कुछ अंतर्दृष्टि होती है:

·         वे भिन्न की प्रासंगिक प्रकृति समझते हैं: यदि एक विद्यार्थी को एक बड़े केक का आधा केक मिलता है और दूसरे को एक छोटे केक का आधा केक मिलता है, तो उन दोनों को केक की समान मात्रा नहीं मिलती। उदाहरण के लिए, उन्हें यह भी पता होता है, कि आप किसी चीज़ को अलग अलग तरीकों से काट कर उसे साझा कर सकते हैं: इससे बनता है अलग अलग भिन्न लेकिन अलग अलग राशि नहीं। अंत में, वे विभाजक और मात्रा के बीच के व्युत्क्रम संबंध को समझते हैं: किसी चीज़ को जितने ज़्यादा लोग साझा करते हैं, हर किसी को उतना ही कम मिलेगा।

भिन्न के बारे में बात करना: भाषा का उपयोग

विद्यार्थियों को भिन्नों के बारे में बात करने और शब्दावली का उपयोग करने के लिए प्रेरित करने से भिन्नों से संबंधित कुछ कठिन शब्दावली को समझने में मदद होगी। आपके प्रश्नों में विद्यार्थियों को ये दर्शाना चाहिए कि सही शब्दावली कितनी महत्वपूर्ण है, ताकि हर किसी को पता चले कि किसके बारे में बात हो रही है।

पहले भिन्न के बारे में बात करने के और शब्दों के उपयोग पर ध्यान आकर्षित करने के कुछ तरीके बनाएं। फिर अपने विद्यार्थियों को बात करने के लिए तैयार करने पर ध्यान केन्द्रित करें। विद्यार्थी खुद जितने शब्दों का उपयोग करेंगे, उतनी ही अधिक उनकी भिन्न की समझ बढ़ेंगे। विद्यार्थियों को एक दूसरे से पूछने के लिए प्रश्न तैयार करने के लिए कहना, उन्हें आपस में बात करना आरंभ करवाने का एक अच्छा तरीका है। एक दूसरा तरीका है विद्यार्थियों को उनके उत्तर प्राप्त करने में उपयोग किए गए तर्कों का वर्णन करने के लिए कहना।

पहली गतिविधि आपके लिए अपनी कक्षा में भिन्न सीखने से संबंधित मुद्दों के बारे में सोचना है।

गतिविधि 1: भिन्न सीखते विद्यार्थियों के बारे में सोचना

सोचिए कि भिन्न सीखने के लिए आपके विद्यार्थियों को क्या जानना चाहिए, और अलग अलग उपायों पर कुछ नोटस बनाएं। अपनी पाठ्यपुस्तक का उपयोग करना। यदि आपकी कक्षा मल्टीग्रेड है, तो आपको सोचना पड़ेगा कि अलग अलग विद्यार्थियों को भिन्न के बारे में क्या जानना ज़रूरी है:

·         किसी तादाद का भिन्न पता करना

·         कोई तादाद किसी अन्य तादाद का कौन सा भिन्न है

·         भिन्न को जोड़ते कैसे हैं।

भिन्न के साथ जुड़े प्रत्येक विचार के लिए, उन उपायों से संबद्ध शब्दावली और उसे अभिव्यक्त करने के लिए कैसे उपयोग किया जाता है उसके बारे में लिखें। उदाहरण के लिए, ‘दस का आधाका मतलब है ‘10 को 2 से भाग दें’, लेकिन इसका मतलब 10 को 1 over 2 से गुणाभी हो सकता है

विद्यार्थी यह भी देख सकते हैं 10 over 4, कि किसका परिणाम समान है और इस तरह अर्थ में

समतुल्य है लेकिन जिसे ‘10 में 2 का भागया ‘10 को 2 लोगों में साझा किया गयाके रूप में भी अभिव्यक्त किया जा सकता है।

अपनी कक्षा के कुछ खास विद्यार्थियों के बारे में सोचें। कौन सी गतिविधियां उन्हें भिन्नों को व्यक्त करने के विभिन्न तरीके और उन व्याख्याओं को दिए गए अलग अलग अर्थों को समझने में मदद कर सकती हैं?

2 भिन्नों की समझ विकसित करना

दूसरी गतिविधि विद्यार्थियों द्वारा भिन्न की धारणाओं को शारीरिक रूप से दर्शाने पर केन्द्रित है। इसे मूर्त रूप भी कहते हैं। आप उन्हें गणितीय विचार दर्शाने के लिए उनके शरीरों का उपयोग करने के लिए कहेंगे। यदि किसी पूर्ण का भिन्न बनाने के लिए स्वयं एक स्थान से उठकर दूसरे स्थान पर जाते हैं, तो वे यह धारणा विकसित करने लगेंगे कि भिन्न क्या है और वे भिन्नों के साथ कैसे काम कर सकते हैं।

इस अंक में अपने विद्यार्थियों के साथ गतिविधियों के उपयोग का प्रयास करने से पहले अच्छा होगा कि आप सभी गतिविधियों को पूरी तरह या आंशिक रूप से स्वयं करके देखें। यह और भी बेहतर होगा अगर आप अपने किसी सहकर्मी के साथ मिलकर इसे करने का प्रयास करें क्योंकि स्वयं के अनुभव के आधार पर सिखाना आसान होगा। स्वयं प्रयास करने से आपको शिक्षार्थी के अनुभवों के भीतर झांकने का मौका मिलेगा जिसके फलस्वरूप यह आपके शिक्षण और एक शिक्षक के रूप में आपके अनुभवों को प्रभावित करेगा।

गतिविधि 2: शारीरिक रूप से भिन्नों को दर्शाना

तैयारी

पहले एक स्थान बनाएं, और फिर आठ विद्यार्थियों को कक्षा के सामने या ऐसी जगह पर आने को कहें जहां से सारी कक्षा उन्हें देख सकें।

गतिवधि

·         अपने विद्यार्थियों को खुद को एक आयत के आकार में व्यवस्थित करने को कहें।

·         किसी और को इस समूह को आधे में विभाजित करने को कहें।

·         आयत को पुनः बनाएं, फिर एक दूसरे विद्यार्थी को समूह को एक अलग रूप में विभाजित करने को कहें।

·         विद्यार्थियों से पूछें कि समूह के नए आधे भाग में क्या समान और क्या अलग ह।ै

·         अब एक दूसरे विद्यार्थी को आठ विद्यार्थियों को चौथाई भागों में विभाजित करने को कहें। फिर से पूछें कि क्या इस विभाजन को करने का कोई अलग तरीका है, और चौथाई में वि भाजित करने के नए तरीके में क्या समान और क्या अलग है।

·         अब विद्यार्थियों की संख्या बदलें और इस प्रक्रिया को एक बार फिर दोहराएं। हो सकता है कि चौथाई में विभाजित करना कठिन हो लेकिन चुनी गई संख्या पर निर्भर करते हुए, आगे पूछते रहें 1 over 2 ,1 over 4,1 over 3 जब तक कि आप ऐसे भिन्न तक न पहुंच जाएं जिसका विभाजन न हो पाएं। विद्यार्थियों से पूछें कि आप इन विद्यार्थियों का भिन्न क्यों नहीं पा सकते। एक विद्यार्थी को टुकड़ों में विभाजित करने की अनुमति नहीं है!

·         विद्यार्थियों को 12 के समूहों में कार्य करने के लिए कहें। यदि कक्षा 12 के समूहों में समान रूप से विभाजित नहीं होती तो आप प्रत्येक समूह में एक कप्तान नियुक्त कर सकते हैं। उनसे कहें कि उन सभी भिन्नों पर कार्य करें जिनमें आप 12 विद्यार्थियों को विभाजित कर सकते हैं।

वीडियो: चिंतन को बढ़ावा देने के लिए प्रश्न पूछने का उपयोग करना

केस स्टडी 1: श्रीमती आशा गतिविधि 1 के उपयोग के बारे में बताती हैं

यह उस शिक्षिका की कहानी है जिन्होंने अपने प्राथमिक विद्यार्थियों के साथ गतिविधि 1 का प्रयास किया।

पहले मैंने आठ विद्यार्थियों को कक्षा के सामने आने के लिए कहा और एक ऐसी जगह पर आयताकार आकार में खुद को जमाने के लिए कहा जहां सारी कक्षा उन्हें देख सके। फिर मैंने विद्यार्थी अनुष्का को आकर इन आठ विद्यार्थियों को आधे में विभाजित करने के लिए कहा, जो काफी आसान था।

फिर मैंने कक्षा से पूछा कि क्या आठ विद्यार्थियों के समूह को किसी और तरीके से आधे में विभाजित किया जा सकता है। यह थोड़ा चुनौतीपूर्ण साबित हुआ, क्योंकि विद्यार्थियों को गणितीय सवालों के केवल एक जवाब होने की आदत थी, तो पहले तो उन्हें लगा कि कहीं अनुष्का तो गलत नहीं है। उन्हें यह स्पष्टीकरण चाहिए था कि यहां अलगका क्या अर्थ है। बेशक, जिस भी तरह से उन्होंने विद्यार्थियों को आधे में विभाजित किया, हर अर्ध भाग में हमेशा चार विद्यार्थी थे। चूंकि मैं इसी उत्तर को खोज रही थी, मैंने उन्हें इन उपायों के बारे में बात करने के लिए समय दे दिया।

फिर मैंने विद्यार्थी नीता से आगे आकर समूह को चौथाई में विभाजित करने को कहा। इस बार विद्यार्थी ये करने के लिए अलग तरीके सुझा पाए, और वे खुश थे कि हर भाग में हमेशा दो विद्यार्थी होंगे।

फिर मैंने विद्यार्थियों के एक और समूह को आगे आने को कहा, इस बार छह विद्यार्थियों के समूह में। इस बार मैंने उन्हें खुद को दो तरीकों से आधे में विभाजित होने को कहा। मैंने पूछा क्या आपको हमेशा एक ही उत्तर मिलता है?’ ‘जी हां!उन्होंने कहा। फिर मैंने पूछा आप खुद को और दूसरे किस भिन्न में बांट सकते हैं?’ उन्होंने खुद को चौथाई में बांटने का प्रयास किया लेकिन वे बांट नहीं पाए, लेकिन उन्हें यह पता चला कि वे खुद को तीन भागों में बांट सकते हैं और उन्होंने यह चर्चा की कि इस भिन्न को क्या कहेंगे।

फिर मैंने कक्षा को 12 के समूह में रखा और उनसे पूछा कि वे अपने समूह में कौन से भिन्न बना सकते हैं। एक समूह ने एक बटे बारह का प्रस्ताव दिया, लेकिन अधिकतर ने आधे, चौथाई, और एक बटा छह पर कार्य किया।

आपके शिक्षण अभ्यास के बारे में सोचना

अपनी कक्षा के साथ ऐसा कोई अभ्यास करने पर बाद यह सोचें कि क्या ठीक रहा और कहाँ गड़बड़ी हुई। ऐसे प्रश्न सोचें जिनसे विद्यार्थियों में रुचि पैदा हो तथा उनके बारे में उन्हें समझाएँ ताकि वे उन्हें हल करके आगे बढ़ सकें। ऐसे चिंतन से वह स्क्रिप्टमिल जाती है, जिसकी मदद से आप विद्यार्थियों के मन में गणित के प्रति रुचि जगा सकते हैं और उसे मनोरंजक बना सकते हैं। अगर विद्यार्थियों को समझ नहीं आ रहा है और वे कुछ नहीं कर पा रहे हैं, तो इसका मतलब है कि उनकी इसमें सम्मिलित होने की रुचि नहीं है। जब भी आप गतिविधियां करवाएं तो इस विचारात्मक अभ्यास का उपयोग करें, यह ध्यान रखें कि श्रीमती आशा ने कुछ छोटे परिवर्तन किए जो काफी महत्वपूर्ण रहे।

 

विचार के लिए रुकें

ऐसे चिंतन को गति देने वाले अच्छे प्रश्न निम्नलिखित हैं:

·         आपकी कक्षा में इसका प्रदर्शन कैसा रहा?

·         विद्यार्थियों से किस प्रकार की प्रतिक्रिया अनपेक्षित थी? क्यों?

·         अपने विद्यार्थियों की समझ का पता लगाने के लिए आपने क्या सवाल किए?

·         क्या किसी भी समय आपको ऐसा लगा कि हस्तक्षेप करना चाहिए?

·         किन बिंदुओं पर आपको लगा कि आपको और समझाना होगा?

·         क्या आपने कार्य में किसी भी तरीके का संशोधन किया? अगर हाँ, तो इसके पीछे आपका क्या कारण था?

3 प्रभावी ढंग से प्रश्न पूछना

शिक्षक अपने कार्य में बहुत से प्रश्न पूछते हैं कुछ शोधकर्ताओं का कहना है कि पढ़ाने के दौरान शिक्षक हर दिन लगभग 400 प्रश्न पूछते हैं! शिक्षक जितने बेहतर प्रश्न पूछेंगे, उतना ही बेहतर उनका शिक्षण होगा।

अच्छे सवालों के बारे में काफी शोध हो चुका है, उदाहरण के लिए रैग एंड ब्राउन (2001) और हैटी के द्वारा (2008)। शोध का निष्कर्ष यह था कि प्रभावशाली प्रश्न:

·         ठोस रूप से अध्याय को सीखने से जुड़े होते हैं

·         विद्यार्थियों के पूर्व ज्ञान को आगे बढ़ाते हैं

·         विद्यार्थियों को शामिल, आकर्षित और प्रेरित करते हैं

·         उच्च स्तर की सोच (लेकिन बहुत जल्दी नहीं!) को प्रोत्साहित करने के लिए क्रमित किए जाते हैं

·         विद्यार्थियों को उनके खुद के ज्ञान को बढ़ाने में सक्षम करते हैं

·         गलत धारणाओं और गलत दिशाओं को उजागर करते हैं

·         सोच और तर्कक्षमता को प्रेरित करते हैं और चुनौती देते हैं

 

विचार के लिए रुकें

आपके द्वारा पढ़ाए गए आखिरी अध्याय में अपने द्वारा पूछे गए प्रश्नों पर विचार करें।

·         क्या उनसे विद्यार्थियों को सोचने के लिए चुनौती मिली?

·         क्या कोई छोटा सा बदलाव विद्यार्थियों की वर्तमान शिक्षा के बारे में कुछ ज़्यादा उजागर कर पाता?

·         क्या आपके सवालों ने विद्यार्थियों को अपनी शिक्षा को और विकसित करने के लिए और अधिक प्रोत्साहित किया होता?

गतिविधि 3 में आपसे पहले प्रभावशाली प्रश्न पूछने की तैयारी करने के लिए कहा जाता है, और फिर अपने विद्यार्थियों को पढ़ाते समय इन प्रश्नों को आज़माने के लिए कहा जाता है।

गतिविधि 3: भिन्न के बारे में प्रभावी प्रश्न पूछना

भाग 1: प्रभावी प्रश्न पूछने की तैयारी करना

यदि आप गतिविधि के इस भाग को दूसरे शिक्षक के साथ कर सकें, तो आप शायद पाएं कि यह और आसान ह।ै

अगले अध्याय के बारे में सोचें जिसमें आप भिन्न पढ़ाएंगे। आपके अनुसार विद्यार्थियों को क्या जानना चाहिए? उसके बारे में कुछ नोटस लिख लें।

जो विचार आप चाहते हैं कि वे सीखें, उसके लिए उन्हें किस बात का ज्ञान पहले से होना चाहिए? एक ऐसा प्रश्न पूछें जिससे आप यह जान सकेंगे कि उनके पास वह ज्ञान पहले से है या नहीं। उदाहरण के लिए आप अपने विद्यार्थियों से पूछ सकते हैं: क्या तुम मुझे का उदाहरण दे सकते हो? और एक? और एक? और एक? और एक?’ अधिक उदाहरण पूछने से आपको उनके ज्ञान की सीमा और कुछ विद्यार्थियों की गलत धारणाओं के बारे में पता चल सकता है।

वास्तविक दुनिया में भिन्न उपयोग करने वाले कुछ तरीकों के बारे में सोचें। कोई ऐसा प्रश्न लिखें जिसमें विद्यार्थियों को दिलचस्पी हो सकती है या उन्हें आकर्षण हो सकता है क्योंकि वह किसी ऐसी बात पर आधारित है जिसे वे जानते हैं और जिसका उपयोग करते ह।ैं

अब जो विषय आपको पढ़ाना है उसके बारे में एक आसान सा प्रश्न लिखें और फिर एक कठिन प्रश्न लिखें। प्रश्नों की एक श्रृंखला लिखें जो आपके विद्यार्थियों को चुनौती देगी लेकिन ज़्यादा नहीं!

उन तरीकों के बारे में सोचें जिनके कारण भिन्न में गलतफहमियां हो सकती हैं। दो या तीन प्रश्न ऐसे लिखें जिनसे आपको यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि आपके विद्यार्थियों में ये गलतफहमियां हैं या नहीं। आप केस स्टडी 2 में ऐसे प्रश्नों के कुछ उदाहरण देख सकते हैं। थोड़ा आगे की सोच कर रखना भी महत्वपूर्ण है कि आप अपने विद्यार्थियों के उत्तरों पर कैसी बेहतरीन प्रतिक्रिया दे सकते हैं जो उनकी शिक्षा को मज़बूत करे और उनकी सोच को विस्तारित करे। अपने विद्यार्थियों के उत्तरों को कैसे लिया जाए इस बारे में कुछ विचारों पर मनन करने के लिए आप संसाधन 2 का उपयोग कर सकते ह।ैं

अब एक ऐसा सवाल लिखें जो आपके विद्यार्थियों को तर्क करके समाधान पाने को प्रोत्साहित करेगा। उदाहरण के लिए, ‘आपकी बड़ी बहन कभी आपकी बात पर यकीन नहीं करती। उसे आप कैसे यकीन दिलाएंगे कि आपकी विधि कारगर है?’

भाग 2: अपने प्रभावी प्रश्नों का कक्षा में उपयोग करना

अब जबकि आपने ये प्रश्न लिख लिए हैं, तो उन्हें किसी कक्षा में इस्तेमाल करे।ं

क्या आपको लगा कि इन प्रश्नों का उपयोग करने के कारण कक्षा ने कुछ अधिक सीखा?

अपने विद्यार्थियों को भिन्न पर विचार के साथ कार्य करने और चुनौतीपूर्ण सवालों को तर्क की प्रक्रिया से हल करने की अनुमति देने के लिए वास्तविक वस्तुओं का उपयोग करना न भूले।ं

 वीडियो: अध्याय नियोजन

केस स्टडी 2: श्रीमती मोहंती विद्यार्थियों से उनकी भिन्न के बारे में समझ जांचने के लिए प्रश्न पूछती हैं

गतिविधि 3 के भाग 1 के बारे में सोचने के दौरान, मैंने तय किया कि मैं हमेशा की तरह भिन्न को ब्लैकबोर्ड पर दर्शा कर भिन्न का सामान्य परिचय कराउंगी, लेकिन मैं जो प्रश्न और निर्देश उपयोग करने वाली थी उसमें एकदम सटीक और दोहराव भरा रखूंगी। मैंने उन्हें एक कागज़ के टुकड़े पर लिखा और अपने डेस्क पर रख लिया ताकि मैं उन्हें भूल न जाउं।

मैंने ये प्रश्न और प्रॉम्प्ट उनसे पूछे:

·         मुझे बताएं आप इस वृत्त को आधे/चौथाई/एक बटा आठ में कैसे विभाजित करेंगे।

o    आप कैसे जानते हैं यह सही है?

o    कृपया अपनी विधि का स्पष्ट रूप से वर्णन करें।

o    क्या कोई किसी और विधि से करेगा?

·         इस वृत्त पर मुझे आधा/एक चौथाई/एक बटा आठ दिखाएं।

o    आप कैसे जानते हैं यह सही है?

o    कृपया अपनी विधि का स्पष्ट रूप से वर्णन करें।

o    क्या कोई किसी और विधि से करेगा?

·         इस वृत्त पर मुझे एक तिहाई/एक बटा छह/एक बटा बारह दिखाएं।

o    आप कैसे जानते हैं यह सही है?

o    कृपया अपनी विधि का स्पष्ट रूप से वर्णन करें।

o    क्या कोई किसी और विधि से करेगा?

·         इस वृत्त पर मुझे एक तिहाई/एक बटा पांच/एक बटा सात दिखाएं।

o    आप कैसे जानते हैं यह सही है?

o    कृपया अपनी विधि का स्पष्ट रूप से वर्णन करें।

o    क्या कोई किसी और विधि से करेगा?

·         इस वृत्त पर मुझे तीन चौथाई/छह बटा आठ दिखाएं।

o    आप कैसे जानते हैं यह सही है?

o    कृपया अपनी विधि का स्पष्ट रूप से वर्णन करें।

o    क्या कोई किसी और विधि से करेगा?

मैंने चॉक से गोला बनाया। फिर मैंने विद्यार्थियों को ब्लैकबोर्ड पर आने के लिए कहा और उनसे प्रश्न पूछे। प्रश्न लिखे होने से मैं ध्यान केन्द्रित कर पाई और मैं जो करना चाहती थी उससे भटकी नहीं। मैंने ये भी देखा कि इसके फलस्वरूप शिक्षक की बातेंकम और विद्यार्थियों की बात और विद्यार्थियों का कार्य अधिक हुआ।

 

विचार के लिए रुकें

·         अपने विद्यार्थियों की समझ का पता लगाने के लिए आपने क्या सवाल किए?

·         क्या आपको लगा कि आपको अपने तैयार किए गए प्रश्नों में कभी कोई फेरबदल करना पड़ा? क्यों?

·         आपके अनुसार सीखने को बढ़ावा देने और आपको अपने विद्यार्थियों की सोच को समझने में मदद करने में आपके विद्यार्थियों को दिए गए आपके उत्तर कितने प्रभावशाली रहे?

4 प्रभावशाली प्रश्नकर्ता विद्यार्थियों को सोचने के लिए समय देते हैं

मैरी बड रो (1986) ने प्रश्न पूछने के बाद शिक्षकों द्वारा दिए जाने वाले प्रतीक्षा समयपर शोध किया था। प्रतीक्षा समयशांत समय की वह अवधि है जो कि शिक्षक कोई प्रश्न पूछने के बाद देते हैं जिससे पहले विद्यार्थी से उत्तर अपेक्षित होता है, या वे प्रश्न को अलग शब्दों में पूछते हैं या वो खुद प्रश्न का उत्तर दे देते हैं। उनकी टीम ने छह सालों में शिक्षकों द्वारा प्रश्न पूछने की 300 टेप रिकॉर्डिंग का विश्लेषण किया। उन्होंने पाया कि माध्य प्रतीक्षा समय 0.9 सेकंड था।

यदि आप एक ऐसा प्रश्न पूछते हैं जो विद्यार्थियों को सोचने पर मजबूर करता है, तो क्या आप वाकई उन्हें सोचने के लिए पर्याप्त समय दे रहे हैं, या आप उन्हें बस तुरंत प्रतिक्रिया देने के लिए समय दे रहे हैं?

बड रो के शोध के दौरान शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया था ताकि वे अपने प्रतीक्षा समय को बढ़ा कर तीन से पांच सेकंड का कर सके। इस बढ़े हुए प्रतीक्षा समय के फलस्वरूप:

·         विद्यार्थी के उत्तर की लंबाई में वृद्धि

·         बिनमांगे, लेकिन उचित उत्तरों की बढ़ी हुई संख्या

·         उत्तर देने में विफलता में कमी

·         उत्तर पर आत्मविश्वास में वृद्धि

·         विद्यार्थियों द्वारा दूसरे विद्यार्थी से अपने उत्तरों की तुलना करने की घटनाओं में वृद्धि

·         प्रस्तावित किए गए वैकल्पिक वर्णनों की संख्या में अत्यधिक वृद्धि।

दूसरे शब्दों में विद्यार्थियों के पास सोचने के लिए अधिक समय था और इससे कक्षा में चलने वाली चर्चा का स्तर (और गुणवत्ता) बढ़ गया, और इसका अर्थ यह हुआ कि शिक्षकों को उनके विद्यार्थियों की सोच के बारे में अधिक पता चला और वे किसी भी गलतफहमी को दूर कर सकते थे। प्रतीक्षा समय को बढ़ाना आसान नहीं है शुरूआत में यह थोड़ा अजीब लग सकता है, लेकिन यदि आप चाहते हैं कि आपके विद्यार्थी सोचें, तो उन्हें पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए।

गतिविधि 4 में आपसे इसी तरह अपनी कक्षा में प्रतीक्षा समय बढ़ाने के लिए कहा जाता है।

गतिविधि 4: प्रतीक्षा समय बढ़ाना

बड रो के शोध में शिक्षकों की तरह, अपने अगले अध्याय में विद्यार्थियों को उत्तर देने का प्रतीक्षा समय पांच सेकंड तक बढ़ा दें। अध्याय के बाद बताएं आपने क्या देखा:

·         विद्यार्थी के उत्तर की लंबाई में वृद्धि

·         बिनमांगे, लेकिन उचित उत्तरों की बढ़ी हुई संख्या

·         उत्तर देने में विफलता में कमी

·         उत्तर पर आत्मविश्वास में वृद्धि

·         विद्यार्थियों द्वारा दूसरे विद्यार्थी से अपने उत्तरों की तुलना करने की घटनाओं में वृद्धि

·         प्रस्तावित किए गए वैकल्पिक वर्णनों की संख्या में अत्यधिक वृद्धि।

अगली गतिविधि में ऐसे कई विचारों को एक साथ लिंक किया गया है जिन पर अब तक चर्चा की जा चुकी है। इस में सुझाया गया है कि आप:

·         विद्यार्थियों से कुछ चुनौतीपूर्ण प्रश्नों के जवाब देने के लिए ठोस वस्तुओं के साथ कार्य करने को कहें

·         विद्यार्थियों से साथ में कार्य करने को कहें ताकि वो एक दूसरे की सहायता कर सकें

·         उन्हें सोचने के लिए अधिक समय दें।

गतिविधि 5: भिन्न के बारे में सीखना

तैयारी

यह गतिविधि एक उदाहरण है कि विद्यार्थियों को भिन्न की समझ को बढ़ाने में किस तरह की समृद्ध गतिविधि की आवश्यकता है। इस कार्य के लिए आपको कागजी प्लेट, या समान आकार के आयतों में कटे कार्ड की आवश्यकता होगी।

विद्यार्थियों को तीन या चार के समूह में कार्य करने के लिए व्यवस्थित करें, और उन्हें कागजी प्लेट या कार्ड का एक गट्ठा दे दें। इसे तैयार करने में खुद की मदद के लिए आप शायद प्रमुख संसाधन समूह कार्य का उपयोगपर नज़र डालना चाहें। Using groupwork

गतिवधि

·         पहले अपने विद्यार्थियों को आपको आधी प्लेट, और और फिर चौथाई प्लेट दिखाने को कहें। यह महत्वपूर्ण है कि आप उन्हें यहां एक प्लेट लेने के बारे में न बताएं; उन्हें यह खुद ही सोचने दीजिए।

·         अब हर समूह को प्लेट की मदद से छह का आधादिखाने को कहें।

सुनिश्चित करें कि आगे बढने से पहले हर कोई कर पा रहा है।

·         विद्यार्थियों से ऐसी कई भिन्न समस्याएं सुझाने को कहें जो वे प्लेट की मदद से हल कर सकते हैं। हर बार कक्षा से प्लेट की मदद से आपको समाधान बताने को कहें। यदि वे बस एक प्लेट की मदद से प्रश्न नहीं सुझा पाते तो उन्हें बताएं।

इसके पीछे कारण है हर किसी को भिन्न से खेलने के लिए और यह विचार करने के लिए कि भिन्न क्या हैं, थोड़ा समय देना।

·         विद्यार्थियों से पूछें कि जिन दो प्रकार के प्रश्नों पर उन्होंने अब तक काम किया है उनमें समान क्या है और अलग क्या है। इससे विद्यार्थियों को कुछ अलग तरीके समझ में आएंगे जिनके तहत गणित में भिन्न का उपयोग किया जाता है।

 

चित्र विद्यार्थियों का एक समूह भिन्न सीखने के लिए प्लेटों का उपयोग करते हुए।

अब उन समस्याओं पर जाएं जो इन दो विचारों को मिलाती है।

·         कक्षा से पहले 12 का 1 over 4 ढूंढने के लिए कहें, और फिर 13 का1 over 4 ढूंढने के लिए कहें।

·         जब कक्षा को इसे हल करने का समय मिल चुका हो, एक समूह से उस प्रक्रिया का वर्णन करने को कहें जिससे होकर उन्हें दूसरी समस्या को हल करने के लिए गुज़रना पड़ा।

·         अब विद्यार्थियों से यह सुझाने को कहें कि वे गणितीय संकेतन का उपयोग करके समस्या और उसका उत्तर कैसे दर्ज कर सकते हैं। इस पर समय बिताएं, क्योंकि यह महत्वपूर्ण है कि विद्यार्थी समस्याओं को लिखने के तरीके और प्लेट के साथ वे क्या कर रहे हैं इसके बीच के संबंध को पहचान पाएं।

·         अब कक्षा को प्लेट का उपयोग करके अन्य कठिन भिन्न समस्याओंको हल करने के लिए कहें, उदाहरण के लिए, 12 का 1 over 4, या 10 का 1 over 4, जिसमें दो प्लेट को साझा करना होता है।

·         एक बार फिर, सुझाव मांगें और चर्चा करें कि इन उपायों को कैसे लिखा जाना चाहिए।

·         हर समूह को दूसरे समूह के लिए भिन्न की एक आसान समस्या और एक कठिन समस्या बनाने को कहें। प्रत्येक समूह को उनके उत्तर दर्ज करने को कहें।

केस स्टडी 3: श्री भाटिया गतिविधि 5 का उपयोग करने पर विचार करते हैं

मैंने प्रत्येक समूह को 12 कागजी प्लेट दीं। प्लेट विद्यार्थियों की सोच को सहायता देने के लिए थीं कि भिन्न का अर्थ समान रूप से साझा करना है।

पहले, मैंने उन्हें प्लेट को चौथाई में विभाजित करने का कार्य दिया। मैंने कई समूहों को चौथाई में विभाजित करने की प्रक्रिया के बारे में बात करने को कहा। फिर मैंने उन्हें 12 प्लेटों को तिहाई में बांटने को कहा। जब उन्होंने यह कर लिया, तो मैंने एक बार फिर विद्यार्थियों से यह वर्णन करने को कहा कि उन्होंने यह कैसे कर लिया। मैंने यह सुनिश्चित किया कि हर कोई जिस भी वस्तु के साथ कार्य कर रहा था, इस मामले में प्लेट, वह उसे साझा करने में पूरी तरह से सहज था। विद्यार्थियों को भी समूहों में कार्य करने और सहयोग करने और कार्य को पूरा करने में बहुत आनंद आया।

फिर मैंने तय किया कि कक्षा एक अधिक चुनौतीपूर्ण प्रश्न के लिए तैयार थी। मैंने प्रत्येक समूह को एक और प्लेट दी, तो अब उनके पास 13 प्लेटें थीं, और फिर से उन्हें प्लेटों को चौथाई और तिहाई में बांटने के लिए कहा। इस बार विद्यार्थियों ने पाया कि उन्हें अतिरिक्त प्लेट को उपविभाजित करना पड़ेगा ताकि प्लेटों को चौथाई और तिहाई में समान रूप से साझा किया जा सके।

इस बार मैंने फ़ीडबैक सत्र पर अधिक समय खर्च किया ताकि यह सुनिश्चित हो कि हर किसी को यह कारण समझ में आ सके कि एक प्लेट को उपविभाजित क्यों करना पड़ा। फिर मैंने कक्षा को प्लेटों को तिहाइयों में विभाजित करने को कहा, और इस बार मैंने उन्हें कैंचियां भी दीं। कई विद्यार्थियों ने अच्छे कारण दिए कि अतिरिक्त प्लेट को उन्हें क्यों विभाजित करना पड़ा, लेकिन समूह में काम करने से उन्हें यह मदद मिली कि सारी कक्षा को कहने से पहले उन्होंने आपस में अपने विचारों को आज़मा लिया।

 

विचार के लिए रुकें

·         अपने विद्यार्थियों की समझ का पता लगाने के लिए आपने क्या सवाल किए?

·         क्या किसी भी समय आपको ऐसा लगा कि हस्तक्षेप करना चाहिए?

·         किन बिंदुओं पर आपको लगा कि आपको और समझाना होगा?

·         क्या आपने श्री भाटिया की तरह कार्य में किसी तरह का कोई फेरबदल किया? अगर हाँ, तो इसके पीछे आपका क्या कारण था?

5 सारांश

इस इकाई में भिन्न पढ़ाने पर ध्यान केन्द्रित किया गया है, लेकिन आपने यह भी सीखा कि ऐसे प्रश्न कैसे पूछे जाएं जो विद्यार्थियों को सोचने का मौका दें और विद्यार्थियों को सोचने के लिए पर्याप्त समय देने के महत्व के बारे में भी जाना।

इस इकाई का अध्ययन करते समय आपने सोचा कि भिन्न के बारे में विद्यार्थियों के विचारों को विकसित करने में कैसे उन्हें सक्षम करें, और यह भी कि यदि विद्यार्थियों को भिन्नों के बारे में सीखना, समझना और विचारों का उपयोग करना है तो उन्हें समृद्ध और विविध गतिविधियां उपलब्ध कराना कितना आवश्यक है।

आपने यह भी देखा कि शिक्षण में बेहतर बनने के लिए शिक्षा पर विचार करना, और शिक्षा कैसे होती है, ये दोनों कितने महत्वपूर्ण हैं।

 

विचार के लिए रुकें

इस इकाई में सीखी गई उन तीन तकनीकों अथवा पद्धतियों को पहचानें जिनका उपयोग आप गणित की भावी कक्षाओं में कर सकते हैं, और उन दो विचारों को पहचानें जिन्हें आप आगे और समझना चाहते हैं।

संसाधन

संसाधन 1: एनसीएफ/एनसीएफटीई शिक्षण आवश्यकताएँ

यह यूनिट NCF (2005) तथा NCFTE (2009) की निम्न शिक्षण आवश्यकताओं से जोड़ता है तथा उन आवश्यकताओं को पूरा करने में आपकी मदद करेगा:

·         शिक्षार्थियों को उनके शिक्षण में सक्रिय प्रतिभागी के रूप में देखें न कि सिर्फ ज्ञान प्राप्त करने वाले के रूप में; ज्ञान निर्माण के लिए उनकी क्षमताओं को कैसे प्रोत्साहित करें; रटने वाली पद्धतियों से शिक्षण को दूर कैसे ले जाएँ।

·         विद्यार्थियों को गणित को किसी ऐसी चीज़ के रूप में लेने दें जिसके बारे में वे बात करें, जिसके द्वारा संवाद करें, जिसकी आपस में चर्चा करें, जिस पर साथ मिलकर कार्य करें।

·         विद्यार्थियों को महत्वपूर्ण गणित सीखने दें और देखें कि गणित, सूत्रों और यांत्रिक प्रक्रियाओं से कहीं ज़्यादा है।

संसाधन 2: विद्यार्थियों से उत्तर प्राप्त करना

आपका उत्तर महत्वपूर्ण है

आप दिए गए सभी उत्तरों को जितने सकारात्मक ढंग से स्वीकार करते हैं, विद्यार्थी भी उतना ही ज्यादा सोचना और कोशिश करना जारी रखेंगे। यह सुनिश्चित करने के कई तरीके हैं कि गलत उत्तरों और गलत धारणाओं को सुधार दिया जाए, और यदि एक विद्यार्थी के मन में कोई गलत विचार है, तो आप निश्चित रूप से यह मान सकते हैं कि कई अन्य विद्यार्थियों के मन में भी वही गलत धारणा होगी। आप निम्नलिखित का प्रयास कर सकते हैं:

·         उत्तरों के उन हिस्सों को चुन सकते हैं, जो सही हैं और एक सहायक ढंग से विद्यार्थी से अपने उत्तर के बारे में थोड़ा और सोचने के लिए कह सकते हैं। यह ज्यादा सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित करता है और आपके विद्यार्थियों की अपनी गल्तियों से सीखने में मदद करता है। निम्नलिखित टिप्पणी यह दर्शाती है कि आप ज्यादा मददगार ढंग से किस प्रकार से गलत उत्तर पर प्रतिक्रिया दे सकते हैं: 'आप वाष्पीकरण से बनते बादलों के बारे में सही थे लेकिन मुझे लगता है कि हमें बारिश के बारे में आपने जो कहा है उसके बारे में थोड़ा और पता लगाने की जरूरत है। क्या आपमें से कोई और इस बारे में कुछ बता सकता है?'

·         विद्यार्थियों से मिलने वाले सभी उत्तर ब्लैकबोर्ड पर लिखें, और विद्यार्थियों से पूछें कि वे इनके बारे में क्या सोचते हैं। उनके अनुसार कौन-से उत्तर सही हैं? कोई अन्य उत्तर देने का कारण क्या रहा होगा? इससे आपको यह समझने का एक मौक़ा मिलता है कि आपके विद्यार्थी किस तरीके से सोच रहे हैं और आपके विद्यार्थियों को भी एक मित्रवत तरीके से अपनी गलत धारणाओं को सुधारने का अवसर मिलता है।

सभी उत्तरों को ध्यान से सुनकर और आगे समझाने के लिए विद्यार्थियों को प्रेरित करके उन्हें महत्व दें। उत्तर चाहे सही हो या गलत, लेकिन यदि आप विद्यार्थियों से अपने उत्तरों को विस्तार में समझाने को कहते हैं, तो अक्सर विद्यार्थी अपनी गलतियाँ खुद ही सुधार लेंगे, आप एक विचारशील कक्षा का विकास करेंगे और आपको वास्तव में पता चलेगा कि आपके विद्यार्थी कितना सीख गए हैं और अब किस तरह आगे बढ़ना चाहिए। यदि गलत उत्तर देने पर अपमान या सज़ा मिलती है, तो दोबारा शर्मिंदगी या डांट के डर से आपके विद्यार्थी कोशिश करना ही छोड़ देंगे।

उत्तरों की गुणवत्ता को बेहतर बनाना

यह महत्वपूर्ण है कि आप प्रश्नों का एक ऐसा क्रम अपनाने की कोशिश करें, जो सही उत्तर पर ख़त्म न होता हो। सही उत्तरों के बदले फॉलो-अप प्रश्न पूछने चाहिए, जो विद्यार्थियों का ज्ञान बढ़ता है और उन्हें शिक्षक के साथ संलग्न होने का मौका देते है। यह आप इसके लिए पूछकर कर सकते हैं:

·         एक कैसे या एक क्यों

·         उत्तर देने का एक और तरीका

·         एक बेहतर शब्द

·         किसी उत्तर को सही साबित करने के लिए प्रमाण

·         संबंधित कौशल का एकीकरण

·         उसी कौशल या तर्क का किसी नई स्थिति में अनुप्रयोग।

विद्यार्थियों की ज्यादा गहराई में जाकर सोचने में मदद करना और उनके उत्तरों की गुणवत्ता को बेहतर बनाना आपकी भूमिका का बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है। निम्नलिखित कौशल अधिक उपलब्धि हासिल करने में विद्यार्थियों की मदद करते हैं:

·         प्रोत्साहन के लिए विद्यार्थियों को उचित संकेत देने की ज़रुरत पड़ती है ऐसे संकेत जिनसे विद्यार्थियों को उनके प्रश्नों को विकसित करने और सुधार में मदद मिलती हो। उत्तर में सही क्या है, आप पहले इसे चुनकर इसके बाद जानकारी, आगे के प्रश्न तथा अन्य संकेत दे सकते हैं। (तो अगर आप कागज के अपने हवाई जहाज के आखिर में वजन रखते हैं तो क्या होगा?’)

·         जांच-पड़ताल अधिक जानकारी पाने की कोशिश करने, एक अव्यवस्थित उत्तर को या आंशिक रूप से सही उत्तर को सुधारने की कोशिश में विद्यार्थी जो कहना चाहते हैं, उसे स्पष्ट करने में उनकी मदद करने से संबंधित है। (तो इस सबका जो अर्थ है उसके बारे में आप मुझे और क्या बता सकते हैं?’)

·         फिर से ध्यान केंद्रित करना सही उत्तरों के आधार पर विद्यार्थियों के ज्ञान को उस ज्ञान से जोड़ने से संबंधित होता है, जो उन्होंने पहले सीखा है। यह उनकी समझदारी को विकसित करता है। (आपकी बात सही है, लेकिन पिछले सप्ताह हमने अपने स्थानीय पर्यावरण विषय के बारे में जो पढ़ रहे थे, यह उससे किस प्रकार संबंधित है?’)

·         प्रश्नों को अनुक्रित करने का अर्थ है ऐसे क्रम में प्रश्न पूछना, जिन्हें सोच का विस्तार करने हेतु बनाया गया है। प्रश्नों के द्वारा विद्यार्थियों को सारांश बनाने, तुलना करने, समझाने और विश्लेषण करने की प्रेरणा मिलनी चाहिए। ऐसे प्रश्न तैयार करें, जिनसे विद्यार्थियों को सोचने की प्रेरणा मिले, लेकिन उन्हें इतनी ज्यादा भी चुनौती न दें कि प्रश्न का अर्थ ही खो जाए। (स्पष्ट करें कि आप अपनी पहले की समस्या से किस प्रकार उबरे। उससे क्या फर्क पड़ा? आपको क्या लगता है आगे आपको किस चीज का सामना करने की जरूरत पड़ेगी?’)

·         सुनुने से आप न केवल अपेक्षित उत्तर पर गौर करने में समर्थ होते हैं, बल्कि इससे आप असाधारण उत्तरों के प्रति सतर्क भी होते हैं, जिसकी हो सकता है कि आपको अपेक्षा न रही हो। इससे यह भी दिखाई देता है कि आप विद्यार्थियों के विचारों को महत्व देते हैं और इसलिए इस बात की ज्यादा संभावना होती है कि वे सुविचारित उत्तर देंगे। इस तरह के उत्तर भ्रांतियों को चिह्नांकित कर सकते हैं, जिन्हें ठीक करने की जरूरत होती है अथवा वे एक नयी पहुंच दर्शा सकते हैं, जिन पर आपने विचार नहीं किया हो। (मैंने इसके बारे में सोचा नहीं था। आप इस तरह से क्यों सोचते हैं इसके बारे में मुझे और जानकारी दें।’)

एक शिक्षक के रूप में, आपको ऐसे प्रश्न पूछने चाहिए जो प्रेरित करने वाले और चुनौतीपूर्ण हों, ताकि आप अपने विद्यार्थियों से रोचक और आविष्कारक उत्तर पा सकें। आपको उन्हें सोचने का समय देना चाहिए और आप सचमुच यह देखकर चकित रह जाएंगे कि आपके विद्यार्थी कितना कुछ जानते हैं और आप सीखने में उनकी प्रगति में कितनी अच्छी तरह मदद कर सकते हैं।

याद रखें कि प्रश्न यह जानने के लिए नहीं पूछे जाते कि शिक्षक क्या जानते हैं, बल्कि वे यह जानने के लिए पूछे जाते हैं कि विद्यार्थी क्या जानते हैं। यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि आपको कभी भी अपने खुद के प्रश्नों का जवाब नहीं देना चाहिए! आखिरकार यदि विद्यार्थियों को यह पता ही हो कि वे आगे कुछ सेकंड तक चुप रहते हैं, तो आप खुद ही उत्तर दे देंगे, तो फिर उन्हें उत्तर देने का प्रोत्साहन कैसे 

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